*866. आएगा तेरे काम नाम की।। 407
आएगा तेरे काम नाम की बालद भरले रे।
लोभी मन राम सुमर ले रे।।
संत बतावे बात ज्ञान की तूं चित में धरले रे।
जन्म अमोलक सफल करे तो यहां ही कर ले रे।।
भव सागर एक नदी अगम है नौका पर ले रे।
राम नाम की बैठ जहाज में तू पार उतरले रे।।
खोटी खोटी करे कमाई तू कुछ तो डर ले रे।
आगे पावे धर्मराज तेरी खूब खबर ले रे।।
काम क्रोध मद लोभ मोह इन पांचों से डरले रे।
कह कबीर जो मुक्ति चाहवे तो जीवित मरले रे।।
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