*849. छोड़ कर संसार जब तू जाएगा।।
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा।
कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा।।
इस पेट भरने की खातिर तो पाप कमा तारे निशदिन।
श्मशान में लकड़ी रखकर तेरे आग लगेगी एक दिन।
खाक हो जाएगा।।
क्यों करता मेरा मेरा यह चिड़िया रैन बसेरा।
यहां कोई ना रहने पाता, है चंद दिनों का डेरा।
हंस उड़ जाएगा।।
सतगुरु चरण में निशदिन तू प्रीत लगा ले बंदे।
कट जाएंगे सब तेरे जन्म मरण के फंदे।
पार हो जाएगा।।
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