*967 मनवा सोच समझ कर देख ले।।439
मनवा सोच समझ के देख ले नश्वर सब संसार।
राजा जावे रानी जावे जावे सब परिवार।
महल खजाना सब चल जावे जावे घर दरबार।।
सूरज चांद सितारे पर्वत सागर नीर अपार।
दिन दिन काल सभी को खावे ध्यावे पवन स्वार।।
बाल पना जीवन सब बीता कर कर काम विहार।
मौत खड़ी सिर ऊपर तेरे अब तो चेत गवार।।
प्रभु का नाम सुनो निशि वासर छोड़ जगत व्यवहार।
ब्रह्मानंद मिटें भव बंधन छूटे सभी विकार।।
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