*261. ईश्वर से करते जाना प्यार 102।।

ईश्वर से करते जाना प्यार ओ नादान मुसाफिर।
जीवन की नैया कर ले पार ओ नादान मुसाफिर।।

जीवन अनमोल हीरा मिट्टी में ना रोल वीरा।
                         तुमको समझाया बारंबार।।
जब तक है जोश जवानी बिगड़ी सब बात बनानी।
                          होने ना पावे अत्याचार।।
सज्जन की संगति करना, दुर्जन से हरदम डरना।
                          वरना तू डूबेगा मझधार।।
राम तेरा अंत सहाई, उस को ना भूलो भाई
                          जीवन के पल हैं दो चार।।

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