*150 माई री मैंने लिया रमैया मोल।। 59
माई री मैंने लिया रमैया मॉल।।
ना वह हलका ना वह भारी, लिया तराजू तोल।।
कोई कहे सस्ता कोई कहे महंगा, लिया प्रेम के मॉल।।
कोई कहे घर में कोई कहे बन में, घट घट में रहा बोल।।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, अब के पर्दा खोल।।
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