*546 खबरदार रहना रे मेरे भाई।।+237।। 244
यहां जमकी उड़े हंकवाई खबरदार रहना रे मेरे भाई।।
सतगुरु दिन्ना माल खजाना लाखों जतन कराई।
पाव रती धन खर्च ना होवे, दिन दिन बढे सवाई।।
इस प्रभु को भूल ना जाना निशदिन करो कमाई।
सत्यनाम की टोपी लगा ले, सत्य का बने सिपाही।।
आठों पहर झूठ मत बोलो ना करो निंदा पराई।
नेम धर्म तोसे बन नहीं जाए पल मत बांधो बुराई।।
धन दौलत थारा माल खजाना, साथ नहीं जाई।
जब काल का डंका बाजे खोज खबर ना पाई।।
तन बंदूक सूरत की गोली यम पर करो चढ़ाई।
कह कबीर सुनो भाई साधो यम की फौज भगाई।।
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