*69 सतगुरु तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए।। 23

सतगुरु तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए।
सच कहता हूं दाता, मेरी तकदीर बदल जाए।।

कहते हैं तेरी रहमत, दिन रात बरसती है।
एक बूंद जो मिल जाए, मन की कली खिल जाए।।

यह मन बड़ा चंचल है, कैसे इसे समझाऊं।
जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए।।

मेहर की नजर रखना, नजरों से गिराना ना।
नजरों से जो गिर जाए, मुश्किल है संभल पाए।।


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