*104. भजन बिना वृथ जन्म गयो 256।। 35

भजन बिना बिरथा जन्म गयो।।
बाल पणा सब खेल गवाया जीवन काम बहयो।
बूढ़ा हुआ रोग सब लागे पर बस आप भयों।।
जप तप तीरथ दान ना किन्हा, ना हरी नाम लियो।
ब्रह्मानंद बिना प्रभु सुमिरन जाकर नर्क पयो।।

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