*66. नजरों से देख प्यारे ईश्वर है पास तेरे 22
नजरो से देख प्यारे ईश्वर है पास तेरे।।
क्या ढूंढता है वन में तन में कभी ना हेरे।।
पूर्व को कोई जावे पश्चिम दिशा को धावे।
प्रभु का नाम भेद पावे व्यर्थ फिरे है फेरे।।
भूतल आकाश माही उसका मुकाम नाही।
दुनिया रही भुलाई जाने नहीं है मेरे।।
वह है सब ठिकाने घट घट की बात जाने।
उसको जो दूर माने वह मूढ है घनेरे।।
जग में जगह ना कोई जहां ईश्वर ना होई।
ब्रह्मानंद जान सोई, सुन सत्य वाक्य मेरे।।
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