*1016 बतादे मोक्ष का मार्ग।।

बतादे मोक्ष का मार्ग गुरु में शरण में तेरी।।

जगत में नाना किसम के पंथ है भारी।
सुनाते हैं कथा अपनी भटकते हो गई देरी।।

कोई मुर्त के पूजन को बतावें ओम रटने को।
कोई तीर्थ के दर्शन को, फिराते हैं सदा फेरी।।

किताबें धर्म चर्चा की हजारों बांच के देखी।
मिट संशय नहीं मन का, अक्ल जंजाल ने घेरी।।

शक्ल दुनिया में है पूरण में सुना मैं रूप ईशवर का।
वह ब्रह्मानंद बिन देखे, मिटे नहीं भ्रमण मेरी।।


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