*859 एक दिन सबको जाना होगा रीत यही संसार की।।

एक दिन सबको जाना होगा रीत यही संसार की।
इस मन को समझाना होगा रीत यही संसार की।।

पांच तत्व से बनी यह काया पांच तत्वों में मिल जाए।
जितना जिसको मिला है जीवन उतना ही वह जी पाए।
         जाने कहां ठिकाना होगा रीत यही संसार की।।
इस जग में है सभी मुसाफिर करते रेन बसेरा।
मोह माया के कारण कहते यह मेरा यह तेरा।
        अपना ही बेगाना होगा रीत यही संसार की।।
बस यह आत्मा अविनाशी है इस को शांति दे भगवान।
करें प्रार्थना परमेश्वर से, दुख से मुक्ति दे भगवान।
        इस दुख को तो सहना होगा रीत यही संसार की।।

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