*253. हरि नाम सुमर मन मेरा तेरा जन्म सुधर जाएगा।। 97

हरि नाम सुमर मन मेरा तेरा जन्म सुधर जाएगा।।

तू समझे तो तूने समझाऊं ना समझे तो बांध बैठाऊं।
शब्द जहाज में तूने चढ़ाऊं, जो सुन्न शिखर जागा।।

यह संसार बाबू की डोली तूने खामखां भरली झोली।
मैंने दिखे तेरी पापी झोली, भर भर खाली कर जागा।।

सतगुरु राम सिंह जी पूरे पाए, धाम अनामी से चलकर आए। ताराचंद जो जीव चिताय, वह जीव अमरपुर जागा।।

Comments

Popular posts from this blog

*165. तेरा कुंज गली में भगवान।। 65

*432 हे री ठगनी कैसा खेल रचाया।।185।।

*106. गुरु बिन कौन सहाई नरक में गुरु बिन कौन सहाई 35