*247. भजन के बिना रे बंदे तेरे बेल हैं लदनिया।। 95

भजन के बिना रे बंदे, तेरे बैल है लदनिया।।
सौदा करे तो यहां ही कर ले, आगे तो हाट ना बनिया।।
कहो तेरी बालद कहां पर डटेगी, आगे घास ना पनिया।।
संतो ने भर लिया नाम धनी का, दुनिया ने थोथा धनिया।।
कह कबीर सुनो भाई साधो, ये अवसर फिर ना मिलिया।।

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