*244. राम गुण गाए हो नहीं आए करके।। 93

राम गुण गायो नहीं आए करके।
                  यम से कहोगे क्या जाए करके।।
गर्भ में देखी नर्क निशानी तूने कॉल किया था प्राणी।
                          वजन करूंगा चित् लाए करके।।
बचपन बीता गई जवानी आया बुढ़ापा खत्म कहानी।
                           अब रोओगे पछताए करके।।
लाख चौरासी में भरमायो भजन करन को नर्तन पायो।
                         भूल गया तु इसे पाए करके।।
चार दिनों की चांदनी तेरी फिर आएगी रात अंधेरी।
                         सुख में आह क्यों भर माय करके।।

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