*232. राम नाम पूंजी पल्ले बांधो रे मना।। 90
राम नाम पूंजी पल्ले बांधो रे मना।
ध्रुव ने बांधी प्रह्लाद ने बंधी बंधी जाट धना।
मीरा ने तो ऐसी बांधी बांध्यो रे कान्हा।
पीपा और रैदास बांधी शबरी और सदना।
दास तो कबीरा बांधी, ताना रे तना।।
जन्म का भिखारी रे सुदामा ब्रह्मणा।
मुट्ठी चावल चाख के धन दिया रे घना।।
अजामिल से पापी तारे पतीत घना।
श्याम सूर शरण आए बक्सों मेरे गुनाह
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