*228. तेरा जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में।। 88
तेरा जीवन है बेकार भजन बिन दुनिया में।।
बड़े भाग से नर तन पाया इसमें भी हरि गुण नहीं गाया।। किया ना प्रभु से प्यार।।
माया ने तुझको बताया संग चले ना तेरी काया।
क्यों बनता होशियार।।
धन दौलत और माल खजाने जिनको मूर्ख अपना माने। जाएगा हाथ पसार।।
क्या लेकर तू आया जग में क्या लेकर जाएगा संग में।
रे मतिमंद गवार।।
जब यमदूत लेने को आवे रो रो कर के तू चिल्लावे।
पड़े करारी मार।।
श्री सतगुरु की शरण में आओ अपना जीवन सफल बनाओ। तब होवे उद्धार।।
Comments
Post a Comment