*215. दिल दे दिया सतगुरु प्यारे नू।। 84

दिल दे दिया सतगुरु प्यारे नू।।
सिर लेवे जो प्याला देवें, चलना अमर अखाड़े नू।।
शब्द महल मुकाम हमारा यहां आए दिन चारे नू।।
घट पट अंदर देख तमाशा कटक पाप दे भारे नू।।
दिल दरिया बह सकता बेड़ा मिलो सजना मतवाले नो।।
नित्यानंद महबूब गुमानी निरखो नूर नजारे नू।।

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