*205. कदम उठाए पांव धर आगे।। 81

कदम उठाए पाव धर आगे, साहब का घर नेडा है।।

मिलना हो तो देर ना करिए तुझ में ही पीया तेरा है।।
तन मन धन सब वार सजन पर जब पावे वह डेरा है।।
नैनो उघाड़ निहार नजर भर, दिल दूरबीन सवेरा है।।
नित्यानंद महबूब गुमानी, चल हर महल सवेरा है।।

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