*170. तेरा मंदिर मेला हे।। 68

तेरा मंदिर मेला है इसमें राम कहां से आए।।

हाथ हाथ इसमें कूड़ा जम रहा कदे ना झाड़ू लावे।
कूड़े के में पढ़ कर सो जा कूड़ा ही मन भावे।।

तेरे मंदिर में पांच कुत्तिया तू इनको ना समझावे।
वह तेरे मंदिर में गंदा कर दें जिनके तू लाड लडावे।।

तेरे द्वारे साधु आजा तू उनको भी धमकावे।
एक मुट्ठी तूं चून गाल के सो सो गाल सुनावे।।

राधास्वामी सुन मेरी लाडो गुरु तूने समझावे।
जो तू आजा गुरु शरण में तो सहजे मुक्ति पावे।।



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