*276. करले सुमिरन घड़ियां चार।। 112
करले सुमिरन घड़ियां चार, संग तेरे कुछ ना जाएगा।
चाहे करले जतन हजार संग तेरे।।
मानव चोला जो पाया है इस पर इतना इतराया है।
जीवन चार दिनों की बहार संग तेरे।।
यह महल चौबारे बंगले तेरे यही धरे रह जाएंगे।
बिन भक्ति सब बेकार संग तेरे कुछ।।
मोह माया ने तुझे गहरा है पर यहां नहीं कोई तेरा है।
सब मतलब का संसार।।
गुरु चरणों में ध्यान लगाएगा बस यही तेरे संग जाएगा।
कर ले थोड़ा सोच विचार।।
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