*268. संगत कर ले गुरुदेव की।। 108

संगत कर ले गुरुदेव की पड़े भजन में सीर।।

लख चौरासी चक्कर फिर के मिल गया मनुष्य शरीर।
एक दिन काल तने फिर मारे, बहे नैन से नीर।।

सबको इच्छा राम मिलन की राजा रंक फकीर।
दुनिया में आए फिर चले गए बड़े-बड़े रणधीर।।

जिस दिन संगत करो संतों की हो जाए अमर शरीर।
संतों के सत्संग से तर गए बड़े-बड़े औलिया पीर।।

सतगुरु राम सिंह ने सत्संग करके काटी काल जंजीर।
ताराचंद कहे सत्संग से मिल गए आप कबीर।।

Comments

Popular posts from this blog

*165. तेरा कुंज गली में भगवान।। 65

*432 हे री ठगनी कैसा खेल रचाया।।185।।

*106. गुरु बिन कौन सहाई नरक में गुरु बिन कौन सहाई 35