*264. तेरे द्वार खड़ा भगवान।।103
तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली।।
तेरा होगा बड़ा एहसान के युग युग तेर रहेगी श्यान।।
बोल रही है धरती सारी दोनों गगन है सारा।
भीख मांगने आया तेरे दर जगत का पालन हारा रे।
मैं आज तेरा मेहमान तू कर ले रे जरा पहचान।।
आज लुटा दे सर सब अपना मान ले मेरा कहना।
मिट जाए पल भर में तेरा जन्म जन्म का फेरा रे।
तू छोड़ शक्ल अभिमान कर ले रे अपना दान।।
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