*262. मुझे है काम ईश्वर से।। 102
मुझे है काम ईश्वर से, जगत रूठे तो रूठन दे।।
कुटुंब परिवार सूत दारा, माल धन लाज लोकन की।
हरि का भजन करने से अगर छूटे तो छूटन दे।।
बैठ संगत में संतों की करो कल्याण में अपना।
लोग दुनिया के भोगों में मजे लूटे तो लूटन दे।।
प्रभु का ध्यान करने की लगी दिल में लगन मेरे।
पुनीत संसार विषयों से अगर टूटे तो टूटन दे।।
धरी सिर पाप की मटकी, मेरे गुरुदेव ने झटकी।
वह ब्रह्मानंद ने पटकी अगर फूटे तो फूटन दे।।
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