*219 तेरी बिगड़ी बात बन जाए गुरु का नाम सुमर प्यारे।। 85
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तेरी बिगड़ी बात बन जाए गुरु का नाम सुमर प्यारे।। जीवन के दिन चार।।
तेरा जीवन रे पगले अनमोल मोती है।
तेरे घट में ईश्वर की परम पुंज जोती है।
परघट ना होती है गुरु बिन जान ले प्यारे।
गुरु नाम आधार।।
जब तलक नहीं मिलता सच्चे गुरु का नाम।
होता नहीं हर गीत हृदय में आतम ज्ञान।
बस मान और अभिमान शीश धर होता जा प्यारे,
गल कर मौका हाथ।।
संसार कर्मों की एक कर्मशाला है।
प्रारब्ध से होता जीवन निराला है।
जैसा करे कर्म, फल वैसा ही पाएगा,
हंस ले चाहे झकमार।
गुरु मिले कन्हैयालाल मेहर सतगुरु की पाई है।
गुण गावे कर्म नाथ सूरत सतगुरु से लाई है।
ये रीत है सच्ची कर्म कर लाग जा प्यारे।
हो जागा भव से पार।।
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