*945 मन में सोच विचार बुलबुला पानी का।।432।।

                             432
मन में सोच विचार बुलबुला पानी का।
          दो दिन में ढल जाए नशा जवानी का।।
यह जीवन तेरा ऐसे, पानी में बताशा जैसे।
जब मार पड़ेगी जबकि तेरी जान बचेगी कैसे।
          तेरी शैतानी का 2 दिन में ढल जाए।।
उठ जाग क्यों करता देरी यह सुंदर काया तेरी।
बन जाएगी राख की ढेरी मत कर तू हेरा फेरी।
         तेरी दीवानी का, 2 दिन में ढल जाए।।
यह पिंजरा हुआ पुराना इस पंछी ने उड़ जाना।
सतनाम सुमर ले प्यारे यह मौका हाथ नहीं आना।
        तेरी जिंदगानी का, 2 दिन में ढल जाए।।
तूं सहमत रहना भाई तूने मिलेगी खोज कमाई।
संत शरण में आकर तेरा जन्म सफल हो भाई।
       मने उच्च ज्ञानी का।।

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