*980 मोहे लागी लगन गुरु चरणन की।।444।।

                          444
मोहे लागी लगन गुरु चरणन की।।
गुरु के चरण बिना कुछ नहीं भावे।
          जगमाया के सब साधन की।।
भवसागर सब सूख गया है।
          फिकर नहीं है मोहे तरनन की।।
कहे मीरा रविदास की चेली।
         आस लगी है मोहे चरणन की।।

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