*1033 भक्ति कर सतगुरु की बंदे अमर निशानी हो जाएगी।।464।।

भक्ति कर सतगुरु की वंदे सफल जिदगानी हो जाएगी।
      देह चली जा बेसक ते तेरी अमर निशानी हो जाएगी।
सबसे पहले उठ सवेरे गुण सतगुरु का गाना चाहिए।
हो मनुष्य का फर्ज टाइम पर सत्संग के मे जाना चाहिए।
नशे विषयों में मन फस रहा से इसको भी समझाना चाहिए।
कर गुरु की सेवा मेवा का फल तोड़कर खाना चाहिए।
   तन मन धन सब अर्पण करदे, उसकी कुर्बानी हो जाएगी।।
आंखों से  दिखे कोन्या, शिव नेत्र पर्सन के में।
जिसके कारण फिरे भरमता, वह बस्ता तेरे मन के मे।
बाहर से कुछ दिखे कोन्या चढ के देख गगन के में।
        भोरंग वृत्ति छोड़ दिए तेरी चाल रवानी हो जाएगी।।
तीन बजे के टाइम उठ के त्रिकुटी ध्यान लगाया कर तूं।
नो दरवाजे बंद करके दसवें में ध्यान लगाया कर तूं ।
नाभि कमल से पवन खींच के गगन मंडल कर जाया कर तू।
अटल ज्योत में ज्योति मिलजा, जीवत मुक्त हो जाया कर तूं।
    लगी रहे दिन रात भजन में सूरत दीवानी हो जाएगी।।
स्वामी जी हुए बीच आगरा जयमल सिंह जी हितकारी।
सावन शाह सत्संग में रम गए मस्ताना सेवादारी।
छः सौ मस्ताना ने गंग्वे के मां जगा दिए सब नर नारी।टी
छः सौ मस्ताना जहाज में करण लगा चौकीदारी
     लोहारी की बादाम बना दिया मौज मस्तानी हो जाएगी।।

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