*382 गुरुजी दे दो आशीर्वाद खेती हम भी बोवेंगे।। 160
160
गुरु जी कुछ ऐसी कृपा करियो खेती हम भी बोवांगे।। सत्संग का यो हल बनवाया, मेह की मेख धराई हे।
बीज भजन का बोवांगे।।
क्षमा छाप खेत पहुंचाई, दया जब रखवाली बिठाई।
वहां पर अमर पेड़ आया, अमरफल बैठे खावेंगे।।
भीतर अमीकुंड बतलाया, पानी सुरता तला का आया।
गुरु ने तीन चलू भर प्याया, बिस्तरे पांचों धोवांगे।।
ले लिया गुरु अपने का शरना, दुख-सुख सारा होगा भरना।
गुरुजी के आगे रोवांगे,
Comments
Post a Comment