*220 जप ले हरि का नाम वक्त गवाई ना।। 85

जप ले हरि का नाम वक्त गवाई ना। 
जन्म मिला है हीरा खाक गवाई ना।।

यह झूठी जग की माया क्यों इसमें मन भरमाया।।
जब जन्म लीया था जग में तू साथ में क्या था लाया।
                      जननी कुछ लाई ना।।

यह जगत है एक सराय यहां कोई आए कोई जाए।
सब छोड़कर एक दिन जाना क्यों व्यर्था वक्त गवाए।
                        धोखा खाई ना।।

इस जग से नाता तोड़ो, मन गुरु के भजन में जोड़ो।
सतगुरु का नाम जपो रे सब झूठ कपट को छोड़ो।
                       फिर पछताए ना।।

गुरु शरण में आजा भाई ना और सहारा तेरा।
सब छोड़कर एक दिन जाना क्यों करता मेरा मेरा।
                     तू जन्म गवाई ना।।
 

                 

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