*974 लगन लगाए फकीर तन में लागी।।441।।
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लगन लगाए फकीर तन में लागी लगन लगाए तैं लागी जी।।पहलम लागी रे दिल सांचे पर फिर जीभ्या पर लागी जी।
फिर भी लागी भूले नयन कमल में फेर हृदय में लागी जी।।
दूजे या लागी घर अपने में फिर पड़ोसियों में लागी जी।
फिर भी लगी भूले बगड़ मोहल्ले छोड़ नगरिया भागी जी।।
तिजे या लागी घास फूस में, फिर लकड़ियों में लागी जी।
फिर भी लागी भूले तन बदन में, हाड मास में लागी जी।
चौथी या लागी अटल अटारी, फेर अमरापुर लागी जी।
कह कबीर सुनो भाई साधो, जाग उठे बड़भागी जी।।
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