*234 राम सुमर राम तेरे काम आएगा।। 91
राम सुमर राम तेरे काम आएगा।।
भाई बंधु राज पाट महल मालिया,
अंत कल में ना कोई काम आएगा।।
दुनिया के कारोबार में भूलता फिरे तू।
चिड़िया के जैसे बाज तुझे काल खाएगा।।
मनुष्य का शरीर बड़े भाग से मिला।
बीत गया काल को फिर क्या बनाएगा।।
करले जतन हजार नाम के बिना।
कहता है ब्रह्मानंद नहीं मोक्ष पाएगा।।
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