*774 नर कपट खटाई त्याग करा कर काम भलाई के।।368।।
नर कपट खटाई त्याग कर आकर काम भलाई के।।।
तेरा हो जागा कल्याण भजन करले रघुराई के।।
बरही कर्म कर्म की राही भाई सबसे सच्चा प्यारा बोल।
चुगली निंदा छोड़ पराई, बोल सभी तोल तोल।
मीठी बोली मोहनी मंत्र प्रेम का खजाना खोल।
तेरा सोता जागे भाग, बोल तू बोल कमाई के।।
पूजा मंत्र बोल मेरे मित्र दुश्मन को भी कर दे माफ।
दगा ना फरेब रखो बाहर भीतर करले साफ।
क्षमा का हथियार पूरा बैरी मर जाए अपने आप।
गांधी जी की दाल जीत ले जंग लड़ाई के।।
तीसरा है काम तेरा इंद्रियों का दमन कर।
ज्ञान की कटार मार बस में पापी मन कर।
परमेश्वर की हस्ती मान उस मालिक का सुमिरन कर।
तू बन काग से हंस चेत जा जन्म समाई के।।
आखरी है काम तेरा चेतन का प्रकाश देख,
ओहम सोहम बोल रही घट के अंदर स्वास देख।
गुरु वेद व्यास तेरा करके ना अभ्यास देख।
साधु राम वैराग्य जान जा छंद कविताई के।।
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