*369 साधु भाई सतगुरु है व्यापारी।। 156

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साधु भाई सतगुरु है व्यापारी।।

हीरा मोती बालद भरया और लाल जवाहरी।
सत्संग हाट लगी है भारी दुकान हैं न्यारी न्यारी।। 

सतगुरु होकर सौदा बेचे लेवे जो आज्ञाकारी।
मायावती के हाथ ना आवे पचपच मरा गवारी।।

तन मन धन अर्पण करके रहे वचन आधारी।
सोहंग शब्द धार निज घट में, माला है मनिहारी।।

गोकुल स्वामी सतगुरु देवा धरिया रूप साकारी।
लादू दास दास गुरु की चरण कमल बलिहारी।।

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