*378 तेरा चिड़िया चुग गई खेत मुसाफिर।। 159

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तेरा चिड़िया चुग गई खेत मुसाफिर चिड़िया चुग गई खेत।।

बालापन हंस खेल गंवाया, सो गया नींद अचेत।
आई जवानी लगा दिया तूने त्रिया के संग हेत।।

गई जवानी आया बुढ़ापा हो गया बाल सफेद।
पड़ा पोल में ताक  रहा है अब कोई ना रखें हेत।।

जब चस्का खेती का लाग्या मोती बोया अनेक।
मोती मोती हंसा चुग गया रह गया बालू रेत।।

कह कबीर सुनो भाई साधो अब भी मुसाफिर चेत।
सत्यनाम में ध्यान लगा ले कर ले अपना हेतु।।

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