*367 ऐसी ताली रे लगाए चला जा।।2।। 155
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ऐसी ताली रे लगाई सजना जा बाजार तेरा सुना रे पड़ा।।इस काया में 9 दरवाजे दसवीं छोडी मोरी।
आया था जब जान पटी रे, चला चोरी चोरी।।
कोडी कोडी माया जोड़ी बन गया लाख करोड़ी।
दो टके की तागड़ी, चलती बरिया तोड़ी।।
जब तक तेल दिए मे बाती जगमग जगमग हो रही।
जल गया तेल निबढ़ गई बाती, महल अंधेरा होई।।
जार जार तेरी माता रोवे और रोबे तेरी ब्याही।
सरहाने खड़ी तेरी बुआ रोवे अकल राम ने खोई।।
दाएं हाथ तेरा छोरा रोवे बाएं हाथ तेरी छोरी।
भुजा पकड़ तेरा भाई रोवे, बिछड़ गई मारी जोड़ी।।
चारों के तू कंधे जागा मिले काट की घोड़ी।
कहे कबीर सुनो भाई साधो फूंक दे जैसे होरी।।
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