*635 गुरु ज्ञान की बरसात आपके वचनों से।।635।।
635
गुरु ज्ञान की हो बरसात आपके वचनों से।। अमृत बरसे दिन रात आपके वचनों से।।
सत्य का दर्पण दिखा दिया है नींद से मुझे जगा के।
हे आचार्य मेरी आंखों में देखा जब मुस्कुरा के।
मैं समझ गया हर बात।।
सच कहता हूं आप से नाता जोड़ा मैंने जब से।
लोभ मोह छल कपट वासना पास ना आए तब से।
हो शुरू मेरी प्रभात।।
बूंद था में पानी की आपने सागर बना दिया।
खाली मन को ज्ञान का गुरुवर गागर बना दिया।
मिलता है प्रभु का साथ।।
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