*246 कभी किया ना भजनवा।।95

कभी किया ना भजनवा कैसे बीतेगी।।
         जाएगा यम के जब भबनवा,कैसे बीतेगी।। 
गृभवास में सुमिरन किया, किया था कोल करार।
प्रभु आपका भजन करूंगा, करो नर्क से पार।
                  बड़ा फूला रे दिवनवा ।।
बालक पन हंस खेल गंवाया, आई मस्त जवानी।
मातपिता ने करी सगाई, दूल्हे बने गुमानी।
                  बंध गए हाथों में कंगनवा।।
धूमधाम से ब्याह रचाया, पहन केशरी जामा।
दुल्हन लेके घर को आया, खत्म हुआ तेरा ड्रामा।
                 बन गए सजनी के सजनवा।।
कमर कमान दांत सब टूटे, नजर गई नजराने।
खाट बिछाए द्वार पे पड़ गए, बहुएं मारें ताने।
                   कब यो मरेगा बुढलवा।।
अब भी सोच समझ ले मूर्ख, करता मेरा मेरा।
राम भजे बिन ना होगा, नर तेरा निर्वेरा।
          आजा सदगुरु की शरणवा, चौरासी टूटेगी।।


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