*359 कोई सौदा ले लो खुली है धर्म की।। 152

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कोई सौदा ले लो, खुली है धर्म की हॉट।।

जिस जिस ने ये सौदा लिया, सिर की कर गए साट।
दसों इंद्री वश में करके कॉल दिया था डाट।।

सौदा किया प्रहलाद भगत ने पिता रहे थे नाथ।
होलिका ले गोदी में बैठी, के घाली थे घाट।।

सौदा किया था हरिश्चंद्र ने शमशान के घाट।
लड़का राजा रानी बिक गए कुबना बाराबाट।।

सौदा किया था मोरध्वज ने, संत लिए थे डाट।
तन मन धन सब अर्पण करके, दिया था लड़का काट।।

सौदा किया मीरा बाई ने, गई कुनबे त पाट
वृंदावन में घले झोंपड़े, तजे अमीरी ठाठ।।

सौदा किया था धन्ना भगत ने, कोम का था जाट।
रस्ते में दो साधु मिल गए, बीज दिया था बांट।।

सौदा किया था रविदास ने, चढ़ गए उल्टी बांट।
बिना भजन तेरा मुंह पिट जा रे, हो कोई मुल्की लाट।।

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