*201 प्रभू जी दीजो दरस सुखारा।।79।।
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प्रभु जी दीजो दर्श सुखारा।नित्यानंद पर कृपा कीजे, जीवन प्राण आधारा।।
हम अनाथ तुम नाथ हमारे, साहब अंतर्यामी।
बहुजल बेड़ा पार उतारो, निरालंब निष्कामी।।
भक्तवत्सल तेरा वेद कहावे, भक्तन के प्रति पाला।।
चरण कमल में रख लीजे, दीनानाथ दयाला।।
अब के बेड़ा पार उतारो, परम गुरु महाराजा।
बांह गहे की लाज तुम्हीं को, साहेब जगत जहाजा।।।
नित्यानंद महबूब गुमानी सुनिए साहब मेरा।
पांव पकड़ कर हमको दीजे, चरण कमल में डेरा।।
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