*623 ऐसा देश हमार।।623।।

ऐसा देश हमार ओ अवधू।।-२।।

बिन बदरा के दमके दामनी,
                  बिन बुंदिया के झमकार।
बिना शशि वहाँ शीत चाँदनी, 
                  बिन सूरज उजियार।। 
बिन बगिया वहाँ फूल खिलत हैं, 
                  बिन फूलों महकार।।
बिना प्राण वहाँ पिंड बोलता, 
                  बिन वाणी प्रचार।।
शरणमछँदर जति गोरख न्हावै, 
                  बिना नीर की धार।।

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