*1008 प्रेम की बात निराली है।।453।।
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प्रेम की बात निराली है।।जिसने प्रेम किया न हरि से, वो नर खाली है।।1
प्रेम किया मीराबाई, विष पी गई प्याली है।
धन्ना जाट के हो वश में हरि, बन गयो हाली है।।2
प्रेम किया कर्माबाई, ले खीचड़ चाली है।
श्याम खिचड़ी खाय थालिया, कर दी खाली है।।3
प्रेम किया बजरंग बली ने, पूँछ जला ली है।
प्रभु प्रेम में बजरंगी ने, द्रोणागिर उठा ली है।।4
नाम देव रविदास कबीरा, हरि सवाली है।
जग से तोड़ के जोड़ राम में, सूरत लगा ली है।।6
मदन की प्रेम के काज हरि ने विपदा टाली है।
डोर स्वामी उस मालिक पर, जो बगिया का माली है।।7
कृष्ण सुदामा की प्रेम कथा तो अजब निराली है।
हाल सुदामा का देखा तो, अँखियाँ भर आली हैं।।5
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