*641 तत्व ज्ञान के बारे में।।641।।

                             661
तत्व ज्ञान के बारे में, गुरु गोरख करे बखान।
       पाँच तत्व का मनुष्य खिलौना मान।।
निराकार परमेश्वर ने ये, रची बैठ के माया सै।
प्रथम करी आकाश की रचना, फेर ये पवन बनाया सै।
          पवन से अग्नि जाया सै,
                      जिस की अलग पहचान।।
अग्नि तैं हुई जल की रचना, जल तैं पृथ्वी बाद बनी।
पाँच तत्व ये पाँच तत्व सैं, औघड़नाथ तेरे याद बनी।
          पाँच तत्व के पाँच भेद सैं, 
                       करके सुन ले ध्यान।।
पाँच तत्व से मिल के नै, काया का निर्माण हुआ।
नाभि तैं ऊपर 72हज़ार, नाड़ी का प्रमाण हुआ।
         जीव ड्राइवर इस काया का,
                       ये पाँच तत्व का ज्ञान।।
प्रलय होके सारी सृष्टि, पाँच तत्व में लौलीन हुवै।
लोकपरलोक और ब्रह्मलोक में, सबकुछ जीवविहीन हुवै।
      कँवलसिंह संसार तत्व,
                        तत्व बिना सुनसान।।



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