*360 हम सत्य नाम व्यापारी।।152।।
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हम सत्य नाम व्यापारी साधो गुरू नाम व्यापारी।।
कोय-२लादे कांसी पीतल, कोय-२ लोंग सुपारी।
हम तो लादें नाम धनी को, पूरी खेप हमारी।।
पूंजी न टूटे नफा चौगुना, बनज कियो हम भारी।
हाट जगत की रोक सके ना, निर्भय गैल हमारी।।
मोती बूँद घट ही में उपजे, सूझत भरे भंडारी।
नाम पदार्थ लाद चलो हे, धर्मिदास व्यापारी।।
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