*619 अमरपुर ले चलो सजना।।619।।

                                   
                                 619
        अमरपुर ले चलो सजना।।
अमरपुरी में खुली है बजरिया, सौदा तो कर चलना।।
अमरपुरी की भिड़ी भिंडी गलियां, लङभिड़ के चलना।।
ठोकर लगी मेरै ज्ञान शब्द की, खोल गई झपना।।
अमरपुरी में सन्त बसत हैं, वहीं पुरूष अपना।।
सन्त समाज सभा जहाँ बैठी, दर्शन कर चलना।।
कह कमाली कबीरा थारी बाली, सन्त नाम जपना।। 


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