1489। हेली हमने नींद ना आवे हे , सोवे है नगरिया सारी।।
हेली हमने नींद ना आवे हे सोवे है नगरिया सारी।।
पिया मिलन की आज हमने लगन लगाई हे।।
लगन मगन होके विरिहन जगाई हे।
आगे सुर नर मुनीजन बैठे हमने सुरती ठहराई हे।।
बिना दीपक बिन बाती तेल जोत जगाई हे।
सुंदर-मुंदर दर्श गुरुओ के म्हारे हुई रोशनाई हे।।
सतगुरु हम साथ लागी गगन मंडल में ध्याई हे।
गगन मंडल में सजे पिया की बड़ी मुश्किल से पाई हे।।
ओहम सोहन बोली प्यारी, हमने आवाज लगाई हे।
सूरत वहां जा मगन हो बैठी, सुखमणि सेज बिछाई हे।।
शत-शत आनंद रूप गुरु का शोभा वर्णी ना जाई हे।
कह सुखदेव सुनो मेरी सुरती पिया में समाई हे।।
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