** 900 ओ पापी मन कर ले भजन।। 15मई

ओ पापी मन कर ले भजन, बाद में तू पछताएगा। 
                        जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।।

क्यों करता तू मेरा मेरा, ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा।
खाली हाथ आया तूं खाली हाथ जाएगा।
जैसा किया कर्म तूं, वैसा ही फल पाएगा।।

भाई बंधु कुटुंब कबीला यह तो जग का झूठा झूमेला।
मरने के बाद तुझे आग़ में जलाएंगे।
तेरह दिन तक मातम वो मनाएंगे।।

भरी जवानी जी भर के सोया, आया बुढ़ापा फिर तूं रोया।
प्रभु की नजर से तू बच के कहां जाएगा। 
आएगा बुढ़ापा तो थर थर काँपेगा।।



Comments

Popular posts from this blog

आत्मज्ञान।Enlightenment

*167. तेरा कुंज गली में भगवान।। 66

*78. सतगुरु जी महाराज मो पर साईं रंग डाला।।27