*490 धोबिया मेरो मैल छुड़ा दे।। 9अप्रैल ।।

धोबिया मेरा मैल छुड़ा दे।
जन्म जन्म की मैली चादर, उजली कर पहना दे।।

ऐसा धोबी पाट लगा लो, धूल जाए मेरा ताना बाना।
ध्यान कासाबुन प्रेम कापानी, अपने करुणाकर से लगाना।।
ऐसी निर्मल करना इस को, जो इसे राम मिला दे।।

सारे दाग मिटाना इस के, परत परत इस के सुलझाना।
तार तार को शीतल करना, लौट के फिर पड़े न आना।
धीरज की इसे धूप लगा कर, ज्यों की त्यों लौटा दे।।

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