*29 गुरु संग डोरी लागी रे।। 19मार्च ।।

गुरु संग डोरी लागी रे। गुरु संग प्रीत लागी रे।।
काया नगर के बीच अमर ज्योति जागी रे।।

नाभि शब्द पश्चिम घर गेरा, मार्ग सागी रे।
बंक नाल के राह में मुरली गहरी बाजी रे।।

इंगला पिंगला नार सुखमना, सीधी आगी रे।
गगन मंडल के बीच अमी, की झाड़ियां लागी रे।।

दसवें की मने जान पटी म्हारी सुरता लागी रे।
सुन्न शिखर के बीच, सतगुरु मिल गए सागी रे।।

सुन्न में पूगा सूरज उगा, भाग़ जागी रे।
गरीब दास की संशय भ्रमणा, दूर भागी रे।।

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