*1150 चुनर में दाग कहां से लागा।।
चुनर में दाग कहां से लागा।।
पांच तत्वों की बनी चुनरिया तीन गुणों का धागा।
नो दस मास बनन में लागे, तिन हु में टोटा लाग्या।।
ना जाने खिड़की खुली रही, कब चोर निकाल के भागा।
ना कोई तेरे सास ननदिया न देवर संग लागा।
ना कोई तेरे गोदी बालकवा, कजरा कहां से लागा।।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, ये पद है निरवाना।
जो इस पद का अर्थ लगावे, सोई संत अनुरागा।।
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