गौतम बुद्ध उस समय के हर मशहूर गुरु के पास गए। उनकी बोद्धिक क्षमता और ज्ञान पाने की लालसा इतनी तीव्र थीं कि जो चीज समझने में बाकी लोगों को वर्षों लग जाते थे। वे कुछ हफ्तों में ही सीख लेते थे। समाधि की आठ अवस्थाएँ होती हैं। गौतम ने उन सभी अवस्थाओं को प्राप्त कर लिया था। मगर फिर भी वो जानते थे कि यह जीवन की सम्पूर्णता नहीं है। उनके अंदर अब भी ज्ञान पाने की तीव्र इच्छा थी। जब सारे उपाय बेकार हो गए तो उन्होंने अंतिम मार्ग का सहारा लिया। जिसे समाना कहते हैं। समाना साधक जीवन के मूलभूत पहलुओं में से एक ये है कि वे कभी भोजन नहीं मांगते। बस चलते रहते हैं, चलते रहते हैं। गौतम ने इस मार्ग को इतनी कठोरता से अपनाया कि वो उस दिशा में नहीं जाते थे। जहां भोजन मिलने की सम्भावना होती थीं। वे बस सीधा चलते थे। इस प्रक्रिया में उन्होंने अपने शरीर को इतना नष्ट कर लिया कि वो इतने कमजोर हो गए कि वो बस हड्डियों का ढांचा बन कर रह गए। वो कभी भोजन की तलाश में नहीं जाते थे। उन्हें जब भोजन दिया जाता था तभी खाते थे। एक दिन वो निरंजना नदी के तट पर पहुंचे। जो दो फुट गहरी एक छोटी सी धारा थीं। और उसका परव
सतगुरु जी महाराज मो पर साईं रंग डाला।। शब्द की चोट लगी मन मेरे बिंध लिया तन सारा।। औषध मूल कुछ नहीं लागे क्या करें वेद विचारा।। सुर नर मुनि जन पीर औलिया कोई ना पाया पारा।। साहेब कबीर सारे रंग रंगिया सब रंग से रंग न्यारा।।
कभी टेलीफोन बूथ पर काम करता था , आज है। Comedy King है। || KAPIL SHARMA BIO-GRAPHY || कभी टेलीफोन बूथ पर काम करता था , आज है। Comedy King है। “क्या आप हँसना चाहेंगे ??” “क्यों नहीं !! यदि हंसाने वाला Kapil Sharma हो तो ।” “आप ऐसा ही कहेंगे, हैं ना ?” हमेशा सबको हंसाने वाले Kapil Sharma की साधारण-सी दिखने वाली जिंदगी यूं आसान ना था। अपने परिवार की मदद करने के लिए उन्हें बचपन में कपड़ा मिल में काम करना पड़ता था। पिता जब कैंसर से पीड़ित हुए तो उनकी जिंदगी और कष्टों में गुजरने लगा। पर हिम्मत नहीं हारा। दिल में – मन में अपने सपने को जिंदा रखा । मुंबई आया, संघर्ष किया और छा गया। तो आइये मित्र इस Hindi biography के द्वारा Kapil Sharma के जिंदगी के अलग-अलग भागों को करीब से जानते है… Kapil Sharma का Childhood & Parents कपिल शर्मा का जन्म अमृतसर के एक लोअर क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पिता पंजाब पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल थे। पर कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 2004 को वे सफदूरजंग अस्पताल, न्यू दिल्ली में अंतिम सांस ली। कपिल की माँ हाउस वाइफ़ है। उनके परिवार में एक बड़ा भाई अशोक कुमार शर्मा
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